दोस्तों, हम सभी की ज़िंदगी में एक बार ऐसा समय ज़रूर आता है जब हमें अपना घर के सुख चैन, अपने माता पित... दोस्तों, हम सभी की ज़िंदगी में एक बार ऐसा समय ज़रूर आता है जब हमें अपना घर के सु...
बस इसीलिए मैं बच्चा से बड़ा हों गया हूँ। बस इसीलिए मैं बच्चा से बड़ा हों गया हूँ।
याद है मुझे वो बचपन का जमाना पूरे दिन खेलना और खिलाना न फिक्र थी कुछ करने की, बस सो याद है मुझे वो बचपन का जमाना पूरे दिन खेलना और खिलाना न फिक्र थी कुछ करने...
ए वक्त तू शायद कल ही नया नया आया था कुछ ए वक्त तू शायद कल ही नया नया आया था कुछ
हाय मुझे सुकून मिला ये तो बुरा इक सपना था, लेकिन खा गया मुझे अंदर तक ज़ख़्म इतना ता हाय मुझे सुकून मिला ये तो बुरा इक सपना था, लेकिन खा गया मुझे अंदर तक ज़...
मैं स्वयं पर लिखती हूं मैं मेरी खुद पसंद व्यथा कहती हूं, मैं सशक्त हूं और मुझे मेरे मैं स्वयं पर लिखती हूं मैं मेरी खुद पसंद व्यथा कहती हूं, मैं सशक्त हूं और ...